उत्तराखंड में बारिश का कहर जारी है, भूस्खलन के कारण कई सड़कें बंद हैं, हरिद्वार में गंगा नदी खतरनाक स्तर से ऊपर बह रही है, जिसके चलते भीमगोड़ा बैराज का एक गेट टूट गया है.
पिछले 24 घंटे में गंगा नदी उफान पर आ गई है. पानी के तेज बहाव के कारण भीमगोड़ा बैराज का एक गेट टूट गया है, जिससे नदी का पानी अनियंत्रित होकर बह रहा है. अलकनंदा नदी पर बने बांध से भारी मात्रा में पानी छोड़े जाने के कारण देवप्रयाग और हरिद्वार में गंगा नदी खतरनाक स्तर को पार कर गई है.
पौडी जिले के श्रीनगर में अलकनंदा के चेतावनी स्तर से ऊपर बहने के कारण सुबह जीवीके जलविद्युत परियोजना के बांध से 2000-3000 क्यूमेक्स पानी छोड़ा गया जिससे गंगा नदी के जलस्तर में भारी वृद्धि हुई. देर शाम तक टिहरी जिले के देवप्रयाग संगम पर गंगा खतरे के निशान 463 मीटर को पार कर 463.20 मीटर पर पहुंच गई। इससे संगम घाट, रामकुंड, धनेश्वर घाट और फुलाड़ी घाट में पानी भर गया।
#WATCH | Uttarakhand CM Pushkar Singh Dhami conducts an aerial survey to take stock of the situation in the flood-affected areas in Laksar of Haridwar district. pic.twitter.com/8bFbVDensq
— ANI (@ANI) July 13, 2023
टिहरी जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी ब्रिजेश भट्ट ने कहा कि जिला प्रशासन लगातार लोगों को नदी तटों से दूर रहने की चेतावनी दे रहा है. उन्होंने बताया कि ऋषिकेश के पास तिहरी के मुनि की रेती क्षेत्र में भी गंगा का जलस्तर बढ़कर 339.60 मीटर हो गया है, जो चेतावनी स्तर 339.50 से 0.10 मीटर ऊपर है.
जब हरिद्वार के भीमगोड़ा बैराज का एक गेट टूट गया, तो पानी के तेज बहाव के कारण नदी के किनारे की फैक्ट्रियों में लगे ड्रम चिंगारी की तरह फूटने लगे। हरिद्वार में पिछले कुछ दिनों से लगातार बारिश के कारण लक्सर, खानपुर, रूड़की, भगवानपुर और हरिद्वार तालुका के 71 गांवों में बाढ़ जैसी स्थिति हो गई है। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, सेना और पुलिस की मदद से बचाव और राहत अभियान चलाया गया है.