Dakor Gujarat : डाकोर तीर्थ स्थल, डाकोर दर्शन टाइम, Dakor, Dakor Darshan Time, Dakor Ji , Poojas and History

वैसे तो श्रीहरि के अनेक रूप हैं और भगवान विभिन्न रूपों में भारत के अनेक मंदिरों में विराजमान हैं। लेकिन भारत में एक ही ऐसा धाम है जहां भगवान कृष्ण राजा के रूप में विराजमान हैं। डाकोरधाम खेड़ा जिले के ठासरा तालुक में बना है, जहां राजा रणछोड़ की सुंदर मूर्ति देखने को मिलती है। जैसा कि शास्त्रों में बताया गया है, भगवान अपने भक्त की भक्ति से प्रसन्न हुए और द्वारका से डाकोर आये। डाकोर में स्थापित रणरोनारायजी की प्रतिमा मन मोह लेने वाली है.

डाकोर मंदिर का इतिहास | Dakor Mandir History | Dakor History

गुजरात राज्य के डाकोर (Dakor Gujarat) में रणछोड़रायजी (Ranchhodraiji Dakor) का प्रसिद्ध मंदिर स्थित है, जो भक्तों का तीर्थस्थल है। अगर हम रणछोड़जी (Ranchhodraiji) की संधि को अलग करे तो वह रण+छोड़ बन जाता है, जिसका अर्थ होता है युद्धभूमि छोड़कर भाग जाने वाला। डाकोर जी (Dakor ji) को भक्तों द्वारा यह अनोखा लेकिन बहुत अधिक पोषित नाम मिला क्योंकि राक्षस कालयवन के साथ उनकी लड़ाई में, भगवान कृष्ण ने युद्ध छोड़ दिया और मथुरा के लोगों को द्वारका ले गए और गुजरात में बस गए। शायद यही कारण है कि गुजरातियों को डाकोर जी (Dakor) के अन्य रूपों की अपेक्षा रणछोड़जी (Ranchhodraiji) के रूप से अधिक प्रेम है, क्योंकि कृष्ण ने गुजरात और गुजरातियों को अपना बना लिया। आइए जानते हे डाकोर जी की कथा और डाकोर मंदिर का इतिहास क्या हे और डाकोर दर्शन टाइम (Dakor Darshan Time) क्या हे.

क्या है डाकोर के ठाकोर का इतिहास | Dakor Mandir History | Dakor History
क्या है डाकोर के ठाकोर का इतिहास | Dakor Mandir History | Dakor History

डाकोर जी की कथा | रणछोड़ जी मंदिर का इतिहास और अनूठी जानकारी

भगवान ने विजयानंद को आशीर्वाद दिया कि कलियुग के 4200 वर्षों के बाद आप गुजरात के क्षत्रिय वंश में विजयानंद बोडाना के रूप में जन्म लेंगे और आप अपनी वर्तमान पत्नी गंगाबाई को फिर से अपनी पत्नी के रूप में प्राप्त करेंगे, तब वे आपको दर्शन देंगे और आपको मोक्ष देंगे। डाकोर जी की कथा के अनुसार ही भगवान श्री कृष्ण बोडाना की भक्ति में लीन होकर डाकोर (Dakor Temple) पहुंचे। भक्त बोदान की भक्ति के साथ-साथ महाभारत काल में डंककृषि ने भगवान श्री कृष्ण से उस समय निवास करने के लिए कहा, लेकिन भगवान श्री कृष्ण चुप रहे। इस वचन को पूरा करने के लिए कलियुग में 4225 वर्ष द्वारिका में रहने के बाद डंककृषि से किए गए अपने वचन को पूरा करने और बोड़ाना की भक्ति को पूरा करने के लिए डाकोर(Dakor Mandir) आए।

रणछोड़ जी मंदिर का इतिहास और अनूठी जानकारी
रणछोड़ जी मंदिर का इतिहास और अनूठी जानकारी

भगवान कृष्ण बोदाना की दिव्य भक्ति के आगे झुक गए | Bodana Dakor Story

भगवान के आशीर्वाद के अनुसार, विजयानंद का जन्म कलियुग में राजपूत वंश में बोडाना(Bodana) के नाम से डाकोर में हुआ था। बड़े होकर, बोडाना(Bodana) भगवान के दर्शन के लिए हर छह महीने में पूनम पे डाकोर से द्वारका हाथ में तुलसी पौधा लेकर पैदल लेकर डाकोर दर्शन(Dakor Darshan) के लिए जाते थे.भक्त बोडना ने 72 वर्ष की आयु तक इस कार्य को हमेशा की तरह करते रहे लेकिन फिर उम्र के कारण उन्हें चलने में परेशानी होने लगी। भगवान से अपने भक्त की यह परेशानी देखी नहीं गई। वह बोड़ाना के स्वप्न में आए और कहा कि मैं द्वारका से डाकोर आऊंगा, तुम डाकोर (Dakor Temple)से अपने साथ गाड़ा ले आना।

Bodana Dakor Story
Bodana Dakor Story

बोडानो(Bodana) बहुत गरीब था, उसके पास इतने पैसे भी नहीं थे कि वह भगवान को अपने साथ रथ में ले जा सके, उसने दो बहुत पुराने बैल और एक जर्जर गाड़े का इंतजाम किया और उन्हें लेकर वह द्वारका पहुंच गया। उसे गाड़े के साथ देखकर मंदिर के पुजारियों ने पूछा तो बोडाना खुलकर जवाब दिया कि भगवान मेरे साथ डाकोर आ रहे हैं। मंदिर के पुजारियों को इस बात का दर लगने लगा की डर अगर भगवान ने द्वारका छोड़ दी तो उनकी आजीविका का क्या होगा, द्वारका के पुजारियों ने उस रात मंदिर पर ताला लगा दिया। लेकिन भगवान किसी के बंधन में नहीं रहते, उन्होंने इस ताले को तोड़ दिया और बोड़ाना के साथ डाकोर के लिए रवाना हो गए।

Dakor Temple Dron Shots

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द्वारका से कुछ दूर जाने के बाद भगवान ने बोदाना से कहा कि अब तुम आराम करो, मैं गाड़ा चलाऊंगा। एक ही रात में भगवान राजा रणछोड़ दो बैलों की गाड़ी से डाकोर के पास उमरेठ पहुंचे। जब तक वह उमरेठ पहुंचे, तब तक सुबह हो चुकी थी, इसलिए भगवान ने उमरेठ के बाहरी इलाके में बिलेश्वर महादेव के पास गाड़ी खड़ी कर दी, ताकि कोई उसे देख न सके। जब बोदानो सुबह उठे तो भगवान ने नीम की डाली को अपने दाँत में लगा लिया। नीम की एक डाली भगवान के स्पर्श से मीठी हो गई। कहा जाता है कि यह मीठा नीम आज भी डाकोर (Dakor Temple)में मिलता है।

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वह भगवान कृष्ण के पूर्ण अवतार थे | Dakor Gujarat Temple

पुराणों में, भगवान कृष्ण को दस अवतारों में से आठवें अवतार के रूप में पहचाना जाता है। भगवान का जन्म वैवस्वत मन्वंतर में हुआ था। उन्होंने 5,111 साल पहले धरती का बोझ उतारने के लिए इस धरती पर जन्म लिया था। भगवान बुद्ध का जन्म 2535 साल बाद हुआ था। भगवान के छह प्रकार के अवतार होते हैं। उनमें से एक थे भगवान श्री कृष्ण के सिद्ध अवतार। जो व्यक्ति एक कार्य के लिए अवतार धारण करता है और करोड़ों कार्य करता है उसे पूर्ण अवतार माना जाता है।

पुरातन, भव्यता और दिव्यता के दर्शन होते हैं
पुरातन, भव्यता और दिव्यता के दर्शन होते हैं

पुरातन, भव्यता और दिव्यता के दर्शन होते हैं

डाकोरधाम भारत के पवित्र तीर्थ स्थलों में से एक है। रणछोड़ मंदिर में आठ शिखर हैं, मुख्य शिखर 90 फीट की ऊंचाई तक पहुंचता है, जो इसे खेड़ा जिले का सबसे ऊंचा मंदिर बनाता है। मंदिर की सीढ़ियां चढ़ते हुए, गर्भगृह के सामने दर्शन मंडप तक पहुंचता है, जिसके गुंबद और दीवारें पौराणिक बूंदी शैली का उपयोग करते हुए भगवान श्री कृष्ण के जीवन की विभिन्न घटनाओं को दर्शाती हैं। गर्भगृह में भगवान श्री रणछोड़जी की मूर्ति संगमरमर से बनी एक ऊँची वेदी पर विराजमान है और सोने की पत्ती से ढकी हुई है।

रणछोड़राय मंदिर का उद्घाटन वर्ष 1772 में हुआ था

डाकोर (Dakor Temple)से द्वारका के पुजारियों के जाने के बाद वर्षों तक रणछोड़जी की मूर्ति बोडाना के घर में रही। उसके बाद काफी समय तक डाकोर के कापडबाजार स्थित लक्ष्मीजी मंदिर में उनकी पूजा अर्चना की गई। वर्तमान रणछोड़जी मंदिर का श्रेय श्री गोपालराव तांबवेकर को दिया जाता है, जो वड़ोदरा के तत्कालीन राजा श्रीमंत गायकवाड़ के श्रॉफ थे। जब वे भगवान द्वारकाधीश के दर्शन के लिए संघ के साथ पुणे से द्वारका जा रहे थे, तो एक रात उन्हें स्वप्न में भगवान द्वारकाधीश के दर्शन हुए और भगवान ने उनके द्वारका से डाकोर आने का विवरण बताया।अत: गोपालराव तांबवेकर द्वारका की यात्रा छोड़कर डाकोर आ गये, जहाँ उन्होंने भगवान श्री रणछोड़जी के दर्शन किये तथा वर्तमान मन्दिर के लिये भूमि क्रय कर निर्माण प्रारम्भ किया। साल 1772 में रणछोड़जी मंदिर का लोकार्पण हुआ था जो एक लाख रुपये की लागत से बनकर तैयार हुआ था।

पुरातन, भव्यता और दिव्यता के दर्शन होते हैं
पुरातन, भव्यता और दिव्यता के दर्शन होते हैं

कलाकृतियां मंदिर की भव्यता में चार चांद लगाती हैं

रणछोड़जी मंदिर चार बड़े चांदी के दरवाजों से घिरा हुआ है, जिन पर भगवान सूर्य, चंद्र, गणपति, विष्णु और विभिन्न कलाकृतियों को उकेरा गया है। मुख्य द्वार से प्रवेश द्वार के दोनों ओर दो दीपदान हैं जिनमें विशेष रूप से दीवाली के दौरान सैकड़ों दीपक जलाए जाते हैं। तो ये है डाकोरधाम के ठाकोर का इतिहास। जो आज श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र बना हुआ है।

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Dakor Mandir Darshan Timings Today | डाकोर दर्शन टाइम

अगर आप डाकोर (Dakor Gujarat) में रणछोड़रायजी (Ranchhodraiji Dakor) के दर्शन के आना चाहते हे तो आप को डाकोर मंदिर (Dakor Darshan Time) के समय का पता होना चाहिए। डाकोर दर्शन टाइम हे सुबह 6:45 am से दोपहर 12 pm और 4 से साम 7:30 pm तक का हे. 

Dakor Temple Opening Time

डाकोर मंदिर के द्वार प्रातः 6:45 am हे.

Dakor Mandir Live Darshan | Ranchhodraiji Dakor Live Darshan

अगर आप गुजरात के डाकोर(Dakor Gujarat) में रणछोड़रायजी(Ranchhodraiji Dakor) के दर्शन करने खुद नहीं आ सकते तो आप अपने मोबाइल से या आने कंप्यूटर से घेर बैठे दर्शन कर सकते हो. डाकोरजी(Dakor ji) के दर्शन आप मंदिर की ऑफिसियल वेबसाइट से जिसका लिंक यह हे – https://www.ranchhodraiji.org/LiveDarshan पर आप अगर यूट्यूब पे लाइवदर्शन करना कहते हो तो उसका लिंक यह हे https://www.youtube.com/@RanchhodraijiLiveDarshanDakor/streams 

Dakor Darshan Time Table

डाकोरजी के मंदिर के दर्शन का टाइम टेबल इस तरह हे,

Sunday6:45 am–12 pm, 4–7:30 pm
Monday6:45 am–12 pm, 4–7:30 pm
Tuesday6:45 am–12 pm, 4–7:30 pm
Wednesday6:45 am–12 pm, 4–7:30 pm
Thursday6:45 am–12 pm, 4–7:30 pm
Friday6:45 am–12 pm, 4–7:30 pm
Saturday6:45 am–12 pm, 4–7:30 pm

Dakor Mandir Darshan Time Sunday

डाकोरजी के मंदिर का रविवार समयः 6:45 am–12 pm, 4–7:30 pm

Dakor Darshan Live | DAKOR AARTI LIVE | Dakor Na Thakor

Dakor Temple Bhog Timings

DaysParts of the DayTemple Darshan Timings/Schedule
Mon to SunBal Bhog, Shringar Bhog & Gwal Bhog Timings09:00 to 10:30
Mon to SunRajbhog Timings11:30 to 12:00
Mon to SunAfternoon Temple Break Timings12:00 to 16:00
Mon to SunShayan Bhog Timings17:25 to 18:00
Mon to SunShakhdi Bhog Timings19:00 to 19:30
Mon to SunTemple Closing Timings19:30

Note : तेहवारो के कारन सायद Dakor Temple Bhog Timings में बदलाव हो सकते हे.

Dakor Mandir Contact Number

+91-2699-244491 , +91-02699244492 

Dakor Gujarat Pin Code | Dakor Pin Code

डाकोर का पिनकोड हे – 388225

Dakor Temple Official Website

डाकोर मंदिर की ऑफिसियल वेबसाइट : https://www.ranchhodraiji.org/home

Galteshwar Dakor | Galteshwar Mahadev Temple Sarnal Gujarat

गुजरात के खेड़ा जिल्ला के डाकोर मंदिर के पास गलतेश्वर तलुकाके  सरनाल गामके पास प्राचीन शिवमंदिर गलतेश्वर महादेव का मंदिर आया हुआ हे. गलतेश्वर महादेव मंदिर गलती नदी और माहि नदी के संगम पर सरनाल गाम के पास स्थापीत हे, गलती नदी के नाम से इस मंदिर का नाम  गलतेश्वर महादेव पड़ा हे.  गलतेश्वर महादेव मंदिर(Galteshwar mahadev temple) अपनी विशिष्ट सैली के लिए जाना जाता हे.

Dakor Gujarat Hotels | Hotel In Dakor Gujarat

डाकोर में कई ऐसी होटल्स हे जहा पे जाक आप रुक सकते हो, अप्प गूगल पे इसे सर्च करके ढूंढ सकते हो. 

Dakor Gujarat Map

Dakor

Ahmedabad To Dakor Distance

अहमदाबाद से डाकोर का डिस्टेंस लगभग बाय रोड 86 kms का हे और लगभग आप 1 hr 30 min में डाकोर पहोच जाओगे.

Dakor Railway Station

डाकोर से सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन आनंद रेलवे स्टेशन(Anand Junction railway station) हे, डाकोर मंदिर 29 km जीतना दूर हे.

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Dakor Gujarat Photos | Dakor Ranchhodraiji Photo Hd

Dakor Gujarat Photos
Dakor Gujarat Photos

Dakor temple
Dakor temple

Ranchhodji Temple
Ranchhodji Temple

Gomati Ghat Dakor Gujarat
Gomati Ghat Dakor Gujarat

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