Cyclone Biparjoy Live Updates: अरब सागर में Biparjoy Cyclone तेजी से एक बहुत ही गंभीर चक्रवाती तूफान में तब्दील हो गया है। मौसम विज्ञानियों ने केरल में मानसून की धीमी शुरुआत होने और इसके दक्षिणी प्रायद्वीप के आगे कमजोर प्रगति करने का पूर्वानुमान लगाया है।
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने कहा की थोड़े दिनों में केरल में मानसून शुरू होने के लिए अनुकूल परिस्थितियां हैं लेकिन उनका यह भी कहना ही की Biparjoy Cyclone मानसून की तीव्रता को प्रभावित कर रहा है और केरल के ऊपर इसकी शुरुआत धीमी रहेगी।
मौसम विभाग से जानकारी के मुताबिक बिपरजॉय चक्रवात अगले तीन दिन में यह उत्तर-उत्तर पश्चिम की ओर बढ़ेगा। लेकिन भारत, ओमान, ईरान और पाकिस्तान सहित अरब सागर से सटे देशों पर इसके किसी बड़े प्रभाव को लेकर कोई पूर्वानुमान नहीं लगाया है।
बिपरजॉय चक्रवात फिलहाल उत्तर दिशा में हे लेकिन कई बार तूफान पूर्वानुमानित ट्रैक और तीव्रता को गलत साबित कर देते हैं। मौसम का पूर्वानुमान लगाने वाली एजेंसियों ने कहा कि तूफान पहले के आकलन को गलत साबित करते हुए केवल 48 घंटे में एक चक्रवात से गंभीर चक्रवाती तूफान बनने की दिशा में बढ़ रहा है। वायुमंडलीय संबंधी स्थितियों से संकेत मिलता है कि 12 जून तक बहुत गंभीर चक्रवाती तूफान का रुख बना रह सकता है।
मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में चक्रवाती तूफान तीव्र हो रहे हैं और जलवायु परिवर्तन के कारण ये लंबे समय तक काफी सक्रिय बने रह सकते हैं।
अरब सागर में चक्रवाती तूफानों की संख्या में 52 प्रतिशत वृद्धि हुई है, वहीं बहुत गंभीर चक्रवाती तूफान 150 प्रतिशत बढ़े हैं। भारतीय उष्णदेशीय मौसम विज्ञान संस्थान में जलवायु विज्ञानी रॉक्सी मैथ्यू कोल ने कहा कि अरब सागर में चक्रवाती गतिविधि बढ़ने का महासागरों के तापमान बढ़ने और वैश्विक तापमान वृद्धि के चलते नमी की बढ़ती उपलब्धता से गहरा संबंध है। अरब सागर ठंडा होता था, लेकिन अब यह गर्म है।
Biporjoy Cyclone Effect in Gujarat
खराब मौसम के कारण ओखा, पोरबंदर, मांगरोल, वेरावल सहित बंदरगाहों पर चेतावनी संकेत नंबर 2 लगाया गया है। समुद्र में तूफानी हवाओं के चलते मछुआरों को समुद्र में न जाने की सलाह दी गई है.
कम दबाव के कारण समुद्र के उफनने और ऊंची लहरों की आशंका को देखते हुए तटीय निवासियों को अलर्ट रहने की सलाह दी गई है।
अभी भी समुद्र से सटे गांवों में हवा सामान्य से अधिक गति से चल रही है. सूरत के सभी बंदरगाहों और तटीय इलाकों से मछुआरों को नावों से समुद्र से वापस बुला लिया गया है. इसके अलावा सौराष्ट्र के सभी प्रमुख बंदरगाहों और तटीय गांवों से मछली पकड़ने में शामिल लोगों को नावों से वापस बुला लिया गया है.