French President Emmanuel Macron ने बुधवार को नीदरलैंड का दौरा किया। इस बीच, उन्होंने कहा कि वह अपनी चीन यात्रा के दौरान दिए गए बयान पर कायम हैं।
अमेरिका का सहयोगी होने का मतलब उसका जागीरदार बनना नहीं है। इसका मतलब यह नहीं है कि हम अपने लिए नहीं सोच सकते।
ये शब्द हैं फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों(Emmanuel Macron) के। फ्रांस के राष्ट्रपति ने आगे कहा कि फ्रांस ताइवान की स्थिति का पूरा समर्थन करता है। हम चीन की एक चीन नीति के साथ खड़े हैं और समस्या का शांतिपूर्ण समाधान चाहते हैं।
मैक्रों के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए व्हाइट हाउस ने कहा, ‘हमें फ्रांस के साथ अपने द्विपक्षीय संबंधों पर पूरा भरोसा है।’ मैक्रों ने कहा कि यूरोप को अमेरिका पर निर्भर नहीं रहना चाहिए।
गौरतलब है कि 5 अप्रैल को 3 दिवसीय दौरे पर बीजिंग पहुंचे राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की थी.
इस बीच दोनों देशों ने व्यापार और अर्थव्यवस्था सहित ताइवान विवाद पर भी चर्चा की। बैठक के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए फ्रांस ने कहा कि यूरोप को अमेरिका पर अपनी निर्भरता कम करनी चाहिए। हमें ताइवान को लेकर चीन और अमेरिका के बीच टकराव में पड़ने से बचना चाहिए।